27 जनवरी, 2014
26 जनवरी, 2014
25 जनवरी, 2014
शत शत प्रणाम
गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर आप सब को हार्दिक शुभ कामनाएं |प्रस्तुत है एक रचना "शत शत प्रणाम" :-
तुम रक्षक सरहद के
माँ की आँखों के तारे
हो पिता के अभिमान
कटिबद्ध आनबान पर
देश की हो शान
रणक्षेत्र में डटे रहते
शत्रु के दांत खट्टे करते
दुगुनी शक्ति से प्रतिउत्तर देते
हंसते हुए वार झेलते
विपरीत स्थिति यदि हो
पीठ दिखा कर नहीं भागते
सर्दी बर्फ नहीं सताती
गर्मीं सहते सारे साथी
वर्षा में वहीं टिके रहते
कर्तव्य से मुख नहीं मोड़ते
तुम्हारी पूर्ण निष्ठा समर्पण
सफलता की कुंजी है
तुम्हे विशिष्ट बनाती है
जब भी सम्मान तुम्हें मिलता
सर गर्व से उन्नत होता
मन ऊर्जा से भर जाता
तुम जैसा होना चाहता
ओ सरहद के रक्षक
तुम्हें शत शत प्रणाम |
आशा
- Anita Lalit, Sandhya Sharma, Kewal Joshi and 16 others like this.
- Jai Prakash Tripathi ...' कौन आजाद हुआ ......बलिदान से पहले 22 मार्च 1931 को लिखा गया देशवासियों को अंतिम पत्र के मुख्य अंश : " स्वाभाविक है ..जीने की इक्षा मुझमे भी होनी चाहिए , मै इसे छुपाना नहीं चाहता ..लेकिन मै एक शर्त पर जिदा रह सकता हूँ ..मै कैद और पाबंद बन कर जीना नहीं चाहता ..दिलेराना ढंग से हसते - हसते मेरे फांसी पर चढ़ने की सूरत में ' हिन्दुस्तानी माताएं अपने बच्चो को भगत सिंह बनाने की आरजू किया करेंगी और देश के लिए कुर्बानी देने वालों की तादात इतनी बढ़ जाएगी की क्रांति और आजादी को रोकना हुकूमतों और नापाक शैतानी ताकतों के लिए असंभव हो जायेगा ...हां एक विचार आज भी मेरे मन में आता है ..की देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थी उसका हजारवा भाग भी पूरा न कर सका अगर मै आजाद और जिदा रहता तो इन्हें पूरा करने का अवसर मिलता . मुझसे अधिक सौभाग्यशाली कौन है .अब तो बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इन्तजार है .कामना है यह और नजदीक आये .आप सभी देश भाइयों का साथी , भगत सिंह
- Sunil Anand मंगल पांडे,खुदी राम बोस और चन्द्रशेखर आजाद ने राष्ट्र के लिए अपनी बलि दी।इस बलिदान से जाग्रत प्रेरणा को जीवंत बनाये रखना है।
23 जनवरी, 2014
बचपन
पचपन में
बचपन की बातें
नानी ने कहीं |
ओ बचपन
कोशिश तो करना
यादों में आना |
ए बचपन
सपनों में आ कर
नींद चुराना |
माँ की ममता
बचपन न भूलता
उसमें खोता |
हंसता गाता
बचपन मुखर
माँ की बाहों में |
सोता जागता
हंसता खसकता
बचपनहै
लुका छिपी में
बचपन प्रसन्न
बाबा के संग |
बचपन में
|
गाती रिझाती
चलती ठुमकती
बचपन में |
आशा
बचपन की बातें
नानी ने कहीं |
ओ बचपन
कोशिश तो करना
यादों में आना |
ए बचपन
सपनों में आ कर
नींद चुराना |
माँ की ममता
बचपन न भूलता
उसमें खोता |
हंसता गाता
बचपन मुखर
माँ की बाहों में |
सोता जागता
बचपनहै
लुका छिपी में
बचपन प्रसन्न
बाबा के संग |
मैंने बनाई
सरकंडे की गाड़ीबचपन में
|
चलती ठुमकती
बचपन में |
आशा
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