नया नया माली बना
एक गमला लाया
मिट्टी भरी
खाद डाली
बीज बोया
जल से सींचा
उत्सुक था
जाने कब उगेगा
प्रातः उठाता
गुड़ाई करता
पानी देता
खरपतवार तो उगे
पर बीज बेचारा
सुप्त ही रहा
अंकुरित ना हो पाया
देखरेख में
कमीं नहीं थी
उपक्रम नित जारी था
माली का धैर्य छूटा
सारा श्रम व्यर्थ हो गया
था हैरान परेशान
किताब पढ़ कर
सब किया था
फिर असफल क्यूं
बीज ना उगना था न उगा
समझ नहीं पाया
था बीज नकली
या वहअकुशल |
आशा