18 मार्च, 2019
होली
होली रंग रंगीली आई
प्यार की सौगात लाई
कड़वाहट को भूल कर
मन को डुबोती प्रेम रंग में |
इस रंगों के त्योहार का
है यही सरल सा उपाय
भाईचारे को निभाने का
मन में भरा कलुष मिटाने का |
लगाए जो भी गुलाल
लाल सारा मुंह कर जाए
जब गुलाल हटाया जाए
प्यार के निशान छोड़ जाए |
यह रंगों का खेल नहीं
यह तो हैआपस की वर जोरी
बड़ा इन्तजार रहता है
इन लम्हों को जीने का |
खुशहाली का आलम ऐसा
भुलाया नहीं जा सकता
रंगों का तालमेल ऐसा
अपनाना सहज नहीं है |
रंगीनी जीवन में घुलती है ऐसे
शक्कर मिली हो पानी में जैसे
बहुत समय तक मिठास बनी रहती
है
होली पर घोटी गई भंग में |
फाग के गीत गाना किसे नहीं सुहाता
फगुआ मांगना मन को बहुत भाता
चंग की थाप पर थिरकना नाचना
अद्भुद समा होता इस त्योहार का |
आशा
17 मार्च, 2019
वह दिन जरूर आएगा
वह दिन जरूर आएगा
तुम हमें न भूल पाओगे
किस्से देश प्रेम के
जब भी दोहराए जाएंगे
देश से मोहब्बत के फसानों में
हमारा नाम आएगा
जितनी भी कोशिश कर लो
हमें न भूल पाओगे
किताब के पन्ने में
हमारा नाम लिखा जाएगा
हमारा प्यार रंग लाएगा
प्यार की होली न जलेगी
नफरत होगी अलविदा
हमारा प्यार होगा बेमिसाल
भाईचारे की ओर बढ़ता कदम
है आवश्यकता बहुत
वर्तमान युग में सौहार्द की
इसी कमी को दूर कर
नया भारत बनेगा शक्तिसंपन्न
अलग अलग विचारों से
तकरार बढ़ती है
होता यही अलगाव का कारण
समान विचारों से दिलों की
दरारें मिटती हैं
होते एक समान विचार जब
सभी योजनाएं होती सफल
जब सफलता की पायदान चढ़ेंगे
तभी प्रजातंत्र में निखार आएगा
सच्चा जनतंत्र नजर आएगा |
आशा
16 मार्च, 2019
होना न मगरूर
होना न मगरूर
जब भी कोई बड़ी
उपलब्धि पाओ
हो एक आम आदमी
जमीन
से जुड़े हुए
यह न जाना भूल
यदि पंख फैलाए
उड़ने
के लिए
गिर जाओगे जमीन पर
चाटते रह जाओगे धूल
अपना अस्तित्व खो बैठोगे
दिल में चुभेंगे शूल
जो देंगे पीड़ा असीम
सह्न न कर पाओगे उसे
रोम रोम होगा दुखी
उस दर्द
को न सह पाओगे
एक गलत कदम
होता
कितना कष्टकर
न
जाना उधर भूल
अस्तित्व से सुलह न की यदि
टूट जाओगे बिखर कर
गरूर चूर चूर होगा
यदि सोच कर भ्रमित हुए
और हुए मगरूर |
14 मार्च, 2019
जब याद तुम्हारी आएगी
विरहन सोच रही मन में
विचारों में खोई खोई
याद तुम्हारी जब भी आएगी
हर बार कोई समस्या आएगी
वह अकेले न रह पाएगी
हर बार कोई समस्या आएगी
वह अकेले न रह पाएगी
क्यूँ समझ में न आ पाएगी
है ऐसी कैसी उलझन
जो हल न हो पाएगी
यूँ तो यादों में खो जाना
यूँ तो यादों में खो जाना
बड़ा प्यारा लगता है
प्यारा सा एहसास
जागृत होने लगता है
जागृत होने लगता है
पर कब मुसीबत बढ़ जाएगी
सब को कैसे समझाएगी
सब की नजरों में तो न गिर जाएगी
अभी दीखती बहुत लुभावनी
क्या होगा जब
जब विरह वेदना बढ़ जाएगी
दिल से न जा पाएगी
दिल से न जा पाएगी
बारम्बार समीप आकर
चैन लूट ले जाएगी
चैन लूट ले जाएगी
मुझ पर हावी हो
मुझे बहुत सताएगी
मुझे बहुत सताएगी
मेरे आकर्षण की शक्ति
क्षीण होती जाएगी
क्षीण होती जाएगी
तुम्हारा नहीं आना
बेचैन मन को न रास आएगा
दृष्टि दरवाजे
पर टिकी रहेगी
अलगाव फीका न हो पाएगा
विरही मन है कितना आकुल
यह सबको कैसे समझाएगी |
आशा
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