एक समय था ऐसा जब केवल खेल सूझता था
किताब छूने का मन न होता था
है कठिन बहुत लिखना पढ़ना
लिखने से कोसों दूर भागती थी |
जब से दुनिया देखी बाहर की
महत्व समझ में आया लिखने पढ़ने का
लगा अभी भी देर नहीं हुई है
शिक्षा प्राप्ति की कोई उम्र
नहीं निर्धारित |
जितनी नजदीकियां होंगी उससे सफलता हांसिल होगी
केवल फल की इच्छा रख कर कोई
शिक्षा के पायदान के उच्च शिखर पर
बिना प्रयास यूँ ही पहुँच नहीं पाता |
है आवश्यक दृढ इच्छा शक्ति और लगन
कुछ पाने के लिए मौज मस्ती त्याग कर
एक ध्येय ले कर चलने से चूमती कदम सफलता
कागज़ कलम किताब होते अति आवश्यक |
बीता समय लौट नहीं पाया
वर्तमान का पूर्ण उपयोग किया
आने वाले कल की राह न देखी
पर देर से ही जब सही मार्ग
अपनाया |
एकाग्र चित्त हो लिखा पढ़ा याद किया
मस्तिष्क में संग्रहित किया
जो भी नया लिखा बारम्बार दोहराया
तभी शिक्षा का पूरा लाभ उठा पाया |
आशा