18 फ़रवरी, 2020

वेदना






बहुत वेदना होती है
जब शब्दों के तरकश से
अपशब्दों के बाण निकलते हैं
अंतिम बाण  न चले जब तक
मन को शान्ति  नहीं मिलती  |
जब  नियंत्रण वाणी पर न हो  
अनर्गल प्रलाप बढ़ने लगे   
मन छलनी होता जाता फिर भी
 कोई हल नहीं निकल पाता |
तन की पीर सही जा सकती
घाव गहरा हो तब भी भर जाता
पर तरकश से निकला तीर
फिर बापिस नहीं आता
जब निशाना चूक नहीं पाता
 और भी विकृत रूप धारण कर लेता |
बहुत वेदना होती है जब
 अपने ही पीठ पर  वार करें
झूठ का सहारा लेकर शब्दों का प्रहार करें
अपना कष्ट तो समझें पर औरों का नहीं
केवाल अपना ही सोचें अन्य को नकार दें |
गहन वेदना होती है जब अपशब्दों का प्रयोग
सीमा पार करे बड़े छोटे का अंतर भूले
व्यर्थ की बकवास करे खुद को बहुत समझे
 अनर्गल बातों को तूल दे
अन्य सभी को नकार दे |
आशा

14 फ़रवरी, 2020

लेखनी

  है दिल  छोटा सा फिर भी
  रिक्त अभी भी हैं पर्ण   पुस्तिका में
बीते कल की  यादों को
 सहेजा जा सकता है जिनमें  |
लेखनी भी थकी नहीं है
यादों को लिपिबद्ध करने में फिर भी
उम्र दिखाई देने लगी है
 उस की रवानी में |
कभी चलते हुए जब थक जाती है
विश्राम करना चाहती है
यादें उसे पीछे हटने नहीं देतीं
बारम्बार लिखने को कहती है |
बड़े मनुहार के बाद लेखनी
 कदम अपने बढ़ाना चाहती है
कोशिशों की बैसाखी ले कर चलती है
पर वह प्रखरता अब कहाँ |
ह्रदय में  जगह की कमी नहीं है
लिखने को अंतस में पैनी लेखनी चाहिए
यादों का जखीरा रहा शेष लिपिबद्ध करने के लिए
 पुरानी लेखनी से  लिखने वाला चाहिए |
आशा

12 फ़रवरी, 2020

लिखना पढ़ना है कठिन




  एक समय था ऐसा जब केवल खेल सूझता था
 किताब छूने का मन न होता था
है कठिन बहुत लिखना पढ़ना
लिखने  से कोसों दूर भागती थी |
 जब से  दुनिया देखी बाहर की
महत्व समझ में आया लिखने पढ़ने का
लगा  अभी भी देर नहीं हुई है
शिक्षा प्राप्ति  की कोई उम्र नहीं  निर्धारित |
जितनी नजदीकियां होंगी उससे सफलता हांसिल होगी
केवल फल की इच्छा रख कर कोई  
शिक्षा के पायदान के उच्च शिखर पर
बिना प्रयास  यूँ ही  पहुँच नहीं  पाता |
है आवश्यक दृढ इच्छा शक्ति और लगन
कुछ पाने के लिए मौज मस्ती त्याग कर
एक ध्येय ले कर चलने से चूमती कदम सफलता
कागज़ कलम किताब होते अति आवश्यक |
बीता समय लौट नहीं पाया
 वर्तमान का पूर्ण उपयोग किया
 आने वाले कल की राह न देखी
पर देर से ही  जब सही मार्ग अपनाया |
एकाग्र  चित्त हो  लिखा पढ़ा याद किया
मस्तिष्क में संग्रहित किया
जो भी नया लिखा बारम्बार दोहराया
तभी शिक्षा का पूरा लाभ उठा पाया  |

                                               आशा

10 फ़रवरी, 2020

पराग



 
                                                          पराग कण होते  आकर्षक
मकरंद में भीग भीग जाते  
 रंग महक उनकी ऐसी कि
स्वतः कीट पतंगे होते आकर्षित |
  खिले अधखिले  पुष्पों  पर
बैठ गुनगुनाते गुंजन करते  
कभी पास आते कभी दूरी बनाते
आसपास चक्कर लगाते |
 पराग तक पहुँचना चाहते
पराग कणों तक अपनी पहुँच में  
होते सफल जब कोशिश में
 अपार प्रसन्न होते पुष्पों के आलिंगन में |
  झूमते  फूलों की बहार  संग
आसपास ही नर्तन करते मंडराते
परागण में सहायक होते 
 क्रियाकलाप  जब पूर्ण होता
 फलों  की उत्पत्ति होती|  
फल के बीजों से नए पोधे जन्म लेते
कीट पतंगे पराग कण और
मंद गति से  बहती  बयार
अहम् भूमिका निभाते पौधों की उत्पत्ति में | 
आशा