शुभ घड़ी शुभ दिन
शुभ वर्ष की बातें करते हो
जो भी अशुभ हो रहा
नजरअंदाज करते हो
निश्प्रह क्यूं नहीं रहते
क्यूं दुभांत करते हो |
(२)
प्यार का कोई मोहताज नहीं होता
वह स्वयं ही उपजता है
अपनीउपस्थिति दर्ज करा कर
फिर तिरोहित हो जाता है |
(३)
है वही सफल
शिखर तक पहुँचने में
जो है निर्भय निडर
हलके से धक्के से
नहीं जाता बिखर |