15 जुलाई, 2011

वे ही तो हैं



कोरी स्लेट पर ह्रदय की

कई बार लिखा लिख कर मिटाया

पर कुछ ऐसा गहराया

सारी शक्ति व्यर्थ गयी

तब भी न मिट पाया |

कितने ही शब्द कई कथन

होते ही हैं ऐसे

पैंठ जाते गहराई तक

मन से निकल नहीं पाते |

बोलती सत्यता उनकी

राज कई खोल जाती

जताती हर बार कुछ

कर जाती सचेत भी |

कहे गए वे वचन

शर शैया से लगते हैं

पहले तो दुःख ही देते हैं

पर विचारणीय होते हैं |

गैरों की कही बात

शायद सही ना लगे

पर अपनों की सलाह

गलत नहीं होती |

शतरंज की बिछात पर

आगे पीछे चलते मोहरे

कभी शै तो

कभी मात देते मोहरे |

फिर बचने को कहते मोहरे
पर कुछ होते ऐसे

होते सहायक बचाव में

वे ही तो हैं,

जो अपनों की पहचान कराते |

16 टिप्‍पणियां:

  1. गैरों की कही बात

    शायद सही ना लगे

    पर अपनों की सलाह

    गलत नहीं होती |

    बिलकुल सही कहा आपने ! बस व्यक्तिवादियों की भीड़ में एक सच्चे 'अपने' की पहचान कर पाना ही आजकल मुश्किल होता जा रहा है ! बहुत सुन्दर रचना ! बधाई एवं शुभकामनायें !

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  2. कितने ही शब्द कई कथन
    होते ही हैं ऐसे
    पैंठ जाते गहराई तक
    मन से निकल नहीं पाते |
    बोलती सत्यता उनकी
    राज कई खोल जाती
    जताती हर बार कुछ
    कर जाती सचेत भी |
    ...sach saanch ko anch nahi...
    bahut badiya prastuti ke liye aabhar!

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  3. apno ki salaah galat nahi hoti.ya kahiye jo sahi salaah deta hai vahi apna hai.bahut achchi prastuti.aabhar.

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  4. बचाने वाले मोहरों पर शायद पहली बार कोई प्रस्तुति पढ़ रहा हूँ| अच्छा लगा ये 'बचाने वाले मोहरों' का वर्गीकरण|

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  5. आशा जी! आपके इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 19-07-2011 के मंगलवारीय चर्चा मंच http://charchamanch.blogspot.com/ पर भी होगी आप सादर पधार कर अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराएं

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  6. बहुत अच्छी लगी आपकी यह कविता.
    ---------
    कल 20/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  7. bahut achchi lagi......
    लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/

    आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.

    अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।

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  8. होते सहायक बचाव में
    वे ही तो हैं,
    जो अपनों की पहचान कराते |
    yahi sachhai hai asha ji sahi bat abhar

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  9. मन में उठ रही भावनाओं को अच्छी तरह शब्दो में पिरोया है

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  10. सच कहा है ....
    सुंदर भाव...अच्छे शब्द....

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  11. sahi kaha aapane...
    'kai bar cheeze man par ghahri chaap chod jati hain

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  12. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...आभार..

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