कुछ तो छिपा है
हाथ है किसी का
या है साथ
भीनी भीनी सी
खुशबू किसी की
अक्स या अहसास
है ऐसा अवश्य कोई
जो सब से छिपा है |
वह अदृश्य
अनाम रह कर
सींचता पौधे को
सहारा देता उसे
जड़ें मजबूत होने तक |
है इहलोक बासी
या किसीअन्य लोक से
पर है अवश्य
उसका हिताभिलाषी
बिना किसी प्रलोभन के
जीवन के हर मोड़ पर
साथ खडा है|
साथ खडा है|
आशा
भीनी भीनी सी
जवाब देंहटाएंखुशबू किसी की
अक्स या अहसास
...................
बहुत ही सुन्दर और सरस प्रस्तुति,आभार आदरेया.
जवाब देंहटाएंसच ही तो है हर सफलता के पीछे कोई ना कोई प्रेरणा स्रोत है, वर्ना कैसे अत्साह- वर्धन हो।
जवाब देंहटाएंक्या बात है ! बहुत ही सुंदर मनभावन प्रस्तुति ! अजी आपके पीछे जो हैं उन्हें तो हम बहुत अच्छी तरह से जानते हैं ! हैं ना ?
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (13-03-13) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ |
सच में जीवन बिना साथ के कहाँ कटता है ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा मनभावन प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: होरी नही सुहाय,
bahut sunder.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर अक्स और मनभावन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवो एक जो भी है ईश्वर से कम तो नहीं ...
जवाब देंहटाएंसही है आकलन-
जवाब देंहटाएंसादर नमन
आभार आदरेया-
वाह अनुभूति की पूरी सांद्रता लिए है रचना .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
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