16 जनवरी, 2014

चेहरा तेरा

चेहरा तेरा
दर्प से चमकता
सच्चे मोती  सा |
२-
रिश्ता प्यार का
निभाना है कठिन
आज ही जाना |
३-
यूं  न देखते
सोचते समझते
तुझे निभाते |
४-
किया अर्पण
पूरा जीवन तुझे
तूने न जाना |
५-
बूँद स्वेद की
कम नहीं अश्रु से
पीर झलकी |
६-
हुआ चयन
दो बूँद अश्क झरे
मूंदे नयन |

-तिल गुड़ से
बनते लड्डू मीठे
संक्रांति मने |

ईद आ गयी
शीर खुरमा पका
मिठास बड़ी |

7 टिप्‍पणियां:

  1. सूचना हेतु आभार राजेन्द्र जी |

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  2. बहुत सुंदर ! जीवन के हर रंग की विविधता समेटे बहुत ही खूबसूरत हाईकू ! आनंद आ गया !

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  3. बढ़िया प्रस्तुति-
    बधाई स्वीकारें आदरणीया-

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  4. बहुत सुंदर !बढ़िया प्रस्तुति-

    जवाब देंहटाएं

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