एक स्थान पर हैं
मोती है खरा
२-पानी मोती का
नूर चहरे का है
सच्चा परखा
३-गहरा नीला
रंग पिचकारी का
उसने डाला
४-होली में रंगी
हुई तरबतर
वस्त्र खराब
५-गुजिया मीठी
खाए सकलपारे
बड़े प्यार से
६-खेली न होली
पूरे जोश से पर
उसे न रंगा
७-चढी है भंग
है तरंग मन में
रंग गहरा
८-प्यार का रंग
ऐसा चढ़ा मन पे
छूट न पाया
आशा
सुन्दर हाइकु।
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रंगों के महापर्व
होली की बधाई हो।
हैप्पी होली सर |
हटाएंबहुत सुन्दर हाइकु
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंसुन्दर हाइकु प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरंगों के महापर्व
होली की बधाई हो।
धन्यवाद शास्त्री जी टिप्पणी के लिए |होली की शुभ कामनाएं आप को सपरिवार |
हटाएंसुन्दर हाइकू ! चौथा हाइकू ठीक कर लें !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद यशोदा जी आज के अंक में मेरी रचना शामिल करने के लिए |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |भूल सुधार ली है |
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