23 मार्च, 2021

होली

माँगा फगुआ 

घर घर जा कर 

आल्हा गा कर  

चंग की थाप पर

कम से कम

किया है  उपयोग

पिचकारी का

रंग भरी  बाल्टी का   

गुनगुनाते  

गीत गाते  फागुनी

नृत्य करते  

जाते हैं झूम झूम 

फागुनी हवा

जब चली आती है

मन में गीत

सहज उपजाती

प्रिय  की याद

मन को बहकाती  

यादें  सताती 

मीठी गुजिया 

समोसे पपड़ी हैं 

स्वागत किए लिए 

फागुन आया 

सभी को प्यार देने |

आशा

6 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सुप्रभात टिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |अग्रिम बधाई होली की |

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  2. उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद ओंकार जी |

      हटाएं
  3. बहुत बढ़िया ! होली की हार्दिक शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात
    होली पर शुभ कामनाएं |टिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |

    जवाब देंहटाएं

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