था अरमान
किसी बड़े आदमीं
से मिलने का
जल्दी ही पूर्ण
हुई
यह चाह भी
देखी एक सूचना
अख्बार में
देखी आँखों में खुशी
हुई तैयार
इच्छा पूर्ति के
लिए
अब है पूर्ण
मन संतुष्ट हुआ
ख़ुशी छाई है
छोटी छोटी बातों से
हुआ आनंद
खुशी का जमाबडा
इतना बढ़ा
मन में न समाया
है अनुपम
इसका नहीं मोल
नहीं है ख्याल
ना ही कल्पना में है
सरल दिखा
मन में दुःख छिपा
है तरीका खुश
होने का
यह पल सहेजो
है अनुभूति
था अरमान यही
जो पूर्ण हुआ |
आशा
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद ओंकार जी |
बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
जी बहुत बढ़िया है।
जवाब देंहटाएंएक बात जानने की इच्छा हो रही है....क्या यह रचना भी हाईकु विद्या का उदाहरण है? पर इसमें कुछ-कुछ पंक्तयां पूर्ण स्वतंत्र नहीं है। मुझे सीखने की लालसा इसलिए मैं ने पूछा। हाईकु विद्या के बारे में पहली बार आपके ही ब्लॉग पर जाना था। उस वक्त मेरे सवाल का जवाब साधना वैद जी के माध्यम से मिला था।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंहाइकु एक पूरी कविता होती है जिसमें तीन लाइनों में एक भाव लिखा जातां है |यह चोका पद्धती है जिसमें कई हाइकु मिल कर एक कविता बनाते हैं |
जी बहुत-बहुत धन्यवाद आभार!!!
हटाएंमैं इसे समझने की कोशिश जरूर करूंगा।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका आदरणीय
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