29 नवंबर, 2021

कोठरी काजल की

 


काजल की कोठरी

में पहुंच काजल की 

कालिख से  कैसे बचेंगे |

कितना भी बच कर चलेंगे

 काला रंग काजल का

लग ही जाएगा |

सोचेंगे साबुन से 

दागों  को   छूटा लेंगे

पर वह भी गलत होगा

दाग फीके तो होंगे फिर भी दिखेंगे |

सावधानी यदि नहीं बरती

कालिख बढ़ती ही जाएगी 

कैसे उनसे छुटकारा मिलेगा

कोई हल नजर नहीं आता |

आशा 


10 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार
    (30-11-21) को नदी का मौन, आदमियत की मृत्यु है" ( चर्चा अंक4264)पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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    1. सुप्रभात
      आभार कामिनी जी मेरी रचना की सूचना के लिए |

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  2. बिल्कुल सही कहा आपने! बहुत ही प्रेरणादायक रचना

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  3. सुप्रभात
    धन्यवाद मनीषा जी टिप्पणी के लिए |

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  4. दुनिया में रहकर दुनियादारी से बचना कठिन है पर जिसने दुनिया बनाने वाले से नाता जोड़ लिया, वह अछूता निकल सकता है

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्यवाद...।।।।।शशंशशशशशशशश

    जवाब देंहटाएं
  6. काजल की कोठरी में घुसना ज़रूरी भी तो नहीं !

    जवाब देंहटाएं
  7. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

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