सबसे न्यारा सब से दुलारा
है हमारी आन बान शान का प्रतीक सब से प्यारा
पन्द्रह अगस्त पर
लाल किले की प्राचीर से
फहराया जाता बड़े सम्मान से इसे
प्रधान मंत्री के द्वारा
राष्ट्र ध्वज है नाम इसका
तीन रंगों से बना है
ऊपर से भगवा रंग
बलिदान का यह प्रतीक है
मध्य में श्वेत रंग का
सच्चाई का प्रतीक
नीचे होता हरा रंग
है धनधान्य से सम्पन्न देश
मध्य में चौबीस शलाकाओं का बना एक चक्र
जिसे कहते अशोक चक्र
तिरंगे पर अपार गर्व होता
चाह यही है दिलसे अपने
राष्ट्रधज का हो सम्मान सदा
कभी इसे न झुकने दे
देश के पति निष्ठा रखें
प्रगरी शील है देश हमारा
कर्तव्यों को कभी न भूलें
देश के लिए बलिदान करें |
जय हिन्द का उद्घोष क
आओ जनमान गण का गान करें |
आशा लता सक्सेना
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (14-8-22} को राष्ट्र उमंगें वेगवान हुई"(चर्चा अंक 4521) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
Thanks for the comment
हटाएंतिरंगे की शान में देश भक्ति से ओत प्रोत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के
हटाएंदेश भक्ति से ओतप्रोत, तिरंगे की शान में सुंदर रचना --ब्रजेन्द्र नाथ
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