क्यूँ उदास माँ दिखती है
जब भी कुछ जानना चाहूँ
यूँ ही टाल देती है|
रह ना पाई कुलबुलाई
समय देख प्रश्न दागा
क्या तुम मुझे नहीं चाहतीं
मेरे आने में है दोष क्या
क्यूँ खुश दिखाई नहीं देतीं ?
माँ धीमे से मुस्कुराई
पर उदासी न छिपा पाई
बेटी तू यह नहीं जानती
सब की चाहत है बेटा
जब तेरा आगमन होगा
सब से मोर्चा लेना होगा
यही बात चिंतित करती
मन में उदासी भरती |
जल्दी से ये दिन बीते
खिली रुपहली धूप
आज मेरे आँगन में
गूंजी तेरी किलकारी
इस सूने उपवन में
मिली खुशी अनूप
तुझे पा लेने में |
देखा सोच बदलता मैनें
अपने ही घर में |
कितना सुखमय है जीवन
आज में जान पाई
रिश्तों की गहराई
यहीं नजर आई |
तेरी नन्हीं बाहों की उष्मा
और प्यार भरी सुन्दर अँखियाँ
स्वर्ग कहीं से ले आईं
मेरे मुरझाए जीवन में |
आशा