सुस्वागतम
ए नव वर्ष आज
खिले सुमन
नव बर्ष शुभ और मंगलमय हो |
नव रस में भीगा
नव रस में भीगा
नव वर्ष आने को है
नया कुछ करना है
आने वाले के स्वागत में |
आगे कदम बढ़ाना
जीवन से सीखा है
सुख दुःख होते क्षणिक
उनको बिसराना है |
कई अनुभव किये संचित
बीते वर्षों में
उनको ही आधार मान
कुछ विशिष्ट
करना है |
जो भी हो नवल
प्रेरक प्रोत्साहक
उसे सहेज कर
प्रसारित करना है |
यह अनुभवों की धरोहर
कुछ नया कराएगी
नवरसों का स्वाद
सब में जगाना है |
आने को है नया साल
अभिनव प्रयोग करना है
नव वर्ष का अभिन्दन
सब भूल कर करना है |
आशा
आशा