मैं मानव हूँ दानव नहीं
सम्वेदनाओं से भरा हुआ हूँ
मुझे भी कष्ट होता है
किसी को व्यथित देख |
व्यथा का कारण जान
अनजान नहीं रह सकता
हल उसका खोज कर
कुछ तो सुकून दे ही सकता हूँ |
मेरी भूलों पर होता है
पश्च्याताप मुझे भी
दोष निवारण के लिए प्यार बांटता हूँ
सब से अलग नहीं हूँ |
मैं मनुज हूँ पाषाण नहीं
हर समस्या को समझता हूँ
निदान की कोशिश भी करता हूँ
हार मान नहीं सकता |
आशा