मेरे दिल का सुकून
कहीं खो गया है |
उससे तुम्हारे मन में
अपार
शान्ति का एहसास जगा है
कभी दिल खोल कर हँसे नहीं
सदा अलग थलग रहे |
मैंने घुटन भरे जीवन से
कभी
सांझा नहीं किया है
सदा बुझे बुझे रहने में
है
क्या मजा ?
जिन्दगी जीने का अंदाज
कुछ
तो नया हो
यह चाह है मन की
कोई बाध्यता नहीं है |
सब हैं अपनी मर्जी के मालिक
तुम्हारी सोच मेरी सोच से है भिन्न
कभी मेल नहीं खाती
दौनों हैं विपरीत दिशाओं के यात्री |
बहस से क्या लाभ
अपने ढंग से जीवन जियो
पर फिर भी रहो प्रसन्न
खुश रहो और खुशियाँ बांटो
|
असंतुष्टि
भरे जीवन से
कुछ
भी हांसिल नहीं होता
चार दिनों का है जीवन
कब समाप्त हो जाए मालूम नहीं |
समय के पीछे क्यूँ भागें
हर
पल को भर पूर जियें
स्वर्ग से सुनहरे जीवन का
क्यूँ न उपभोग करें |
आशा
आशा