एक मोर एक मोरनी ,पहुंचे
जमुना तीर
पंख पसारे नाचते ,मन
की हरते पीर ||
प्यार भरा अंदाज नया
,मन हरता चितचोर |
कान्हां को पा
गोपियाँ ,हुईं आत्म बिभोर ||
थिरकते कदम बहकते
,पा बंसी का साथ
गुमान से भर उठतीं
पा कान्हां का साथ ||
डाह से बंसी छिपाई
,जिसके मीठे बोल
राधा यह भी जानती
कितनी है अनमोल ||
पाकर अपनी बांसुरी ,कान्हां
भूले साथ |
खोजती स्वयं को
उसमें,ले हाथों में हाथ ||
आँखों से अश्रु झरते
,मोती से अनमोल |
कान्हां की मनुहार
के ,प्यारे लगते बोल ||
बेनु सुधा बरसन लगी ,मन
में उठत हिलोर
जाने कैसे रात गयी ,होने
को है भोर ||
हरे भरे वन महकते
,फूलन लगे पलाश |
उस मधुवन में खोजती,
विरहण मन की प्यास ||
आशा