इसके बाद सुबह होती है
बाल सूर्य की प्रथम किरण
अंधकार को धो देती है |
मंद हवा का स्पंदन
खुशबू से भरता उपवन
फूलों से गंध चुरा लाया
सारे उपवन को महकाया |
बाल सूर्य की स्वर्णिम किरणें
चारों ओर बिखरने लगीं
मन बंजारा ठहर गया
स्वर्णिम आभा में सराबोर हुआ |
प्रकृति की रंगीन छटा
अंतस में घर करने लगी
अरुणाई समस्त व्योम की
अपनी बाँहों में भरने लगी|
अमलतास के फूलों से
पीली धरती पीला उपवन
पुष्प गुच्छों में स्पंदन
उनमें से किरणों का विचरण |
रंग बिरंगे फूलों से
सजा हुआ पूरा उपवन
मन भावन दृश्य उभरने लगा
अंतरमन में सिमटने लगा |
सूरज की किरणों का
स्वागत करता पूरा मधुवन
मन प्रफुल्लित हो जाता है
प्रकृति में रमता जाता है |
चिड़ियों का कलरव उड़ना उनका
मन के तारों को छूने लगा
मन झंकृत होने लगा
यह अद्भुत छटा प्रकृति की
अनुपम देन वन देवी की |
आशा