मेहनतकश हैं
धूप में करते काम
श्रमकण उभरते माथे पर
फिर भी नहीं करते आराम |
सड़क के किनारे
कच्चे झोंपड़ों में
रहते गुदड़ी के लाल
काटते रात उन्मुक्त आकाश तले |
रहते प्रकृति के सानिध्य में
सुबह चूल्हे पर बनी रोटी
कच्ची प्याज मिर्च दाल या सब्जी
देती पेट को आधार |
पूरे दिन की कठिन मेहनत
उससे मिलते चंद सिक्के
और संतुष्टि
ले जाती गहरी नींद की बाहों में |
वे हैं शायद बहुत सुखी
समस्त व्याधियों से दूर
किसी जिम में नहीं जाते
कोई दवा नहीं खाते |
लगते हैं पोस्टर श्रम के महत्व के
या प्राकृतिक चिकित्सा के
मुझे तो लगते सन्देश वाहक
शारीरिक श्रम के महत्त्व के |
आशा
श्रमकण उभरते माथे पर
फिर भी नहीं करते आराम |
सड़क के किनारे
कच्चे झोंपड़ों में
रहते गुदड़ी के लाल
काटते रात उन्मुक्त आकाश तले |
रहते प्रकृति के सानिध्य में
सुबह चूल्हे पर बनी रोटी
कच्ची प्याज मिर्च दाल या सब्जी
देती पेट को आधार |
पूरे दिन की कठिन मेहनत
उससे मिलते चंद सिक्के
और संतुष्टि
ले जाती गहरी नींद की बाहों में |
वे हैं शायद बहुत सुखी
समस्त व्याधियों से दूर
किसी जिम में नहीं जाते
कोई दवा नहीं खाते |
लगते हैं पोस्टर श्रम के महत्व के
या प्राकृतिक चिकित्सा के
मुझे तो लगते सन्देश वाहक
शारीरिक श्रम के महत्त्व के |
आशा