उम्र के साथ दुकान लगी है
समस्याओं की
घर का काम कैसे हो
है सबसे कठिन आज |
नित्य नए बहाने बनाना
आए दिन देर से आना
भूले से यदि कुछ बोला
धमकी काम छोड़ने की देना
हो गयी है रोज की बात |
यदि कोई आने वाला हो
जाने कैसे जान जाती है
मोबाइल का बटन दबा
तुरंत सूचना पहुंचाती है
आज आना ना हो पाएगा
मेरा भैया घर आएगा
मुझे कहीं बाहर जाना है
कल तक ही आ पाऊँगी |
अर्जित ऐच्छिक और आकस्मिक
सभी अवकाश जानती है
उनका पूरा लाभ उठाती है
नागे का यदि कारण पूंछा
नाक फुला कर कहती है
क्या मेरे घर काम नहीं होते
या कोई आएगा जाएगा नहीं|
चाहे जैसी भी हो कामवाली
दो चार दिन ही ठीक काम करती है
फिर वही सिलसिला
हो जाता प्रारम्भ |
वे सभी एक जैसी हैं
उनसे बहस का क्या फ़ायदा
सारे दावपेच जानती हैं
हर बात का उत्तर देती हैं
अवसर मिलते ही
हाथ साफ भी कर देती हैं |
क्या करें परेशानी है
आदतें जो बिगड़ गयी हैं
ऊपर से उम्र का तकाजा
एक दिन भी उनके बिना
काम चलाना मुश्किल है
अब तो ये कामवाली
बहुत वी.आई.पी .हो गयी हैं |
आशा
समस्याओं की
घर का काम कैसे हो
है सबसे कठिन आज |
नित्य नए बहाने बनाना
आए दिन देर से आना
भूले से यदि कुछ बोला
धमकी काम छोड़ने की देना
हो गयी है रोज की बात |
यदि कोई आने वाला हो
जाने कैसे जान जाती है
मोबाइल का बटन दबा
तुरंत सूचना पहुंचाती है
आज आना ना हो पाएगा
मेरा भैया घर आएगा
मुझे कहीं बाहर जाना है
कल तक ही आ पाऊँगी |
अर्जित ऐच्छिक और आकस्मिक
सभी अवकाश जानती है
उनका पूरा लाभ उठाती है
नागे का यदि कारण पूंछा
नाक फुला कर कहती है
क्या मेरे घर काम नहीं होते
या कोई आएगा जाएगा नहीं|
चाहे जैसी भी हो कामवाली
दो चार दिन ही ठीक काम करती है
फिर वही सिलसिला
हो जाता प्रारम्भ |
वे सभी एक जैसी हैं
उनसे बहस का क्या फ़ायदा
सारे दावपेच जानती हैं
हर बात का उत्तर देती हैं
अवसर मिलते ही
हाथ साफ भी कर देती हैं |
क्या करें परेशानी है
आदतें जो बिगड़ गयी हैं
ऊपर से उम्र का तकाजा
एक दिन भी उनके बिना
काम चलाना मुश्किल है
अब तो ये कामवाली
बहुत वी.आई.पी .हो गयी हैं |
आशा