हम दौनों के बीच
यह कैसी दरार पड़ गयी
प्यार नाम की चिड़िया
कहीं कूच कर गयी |
पत्ता डाल से टूटा
सभी कुछ बेगाना लगा
जाने कब सांझ उतर आई
गुत्थी और उलझ गयी |
जितना भी सुलझाना चाहा
ऊन सी उलझती गयी
कंगन की गांठों की तरह
और अधिक कसती गयी |
एक हाथ से न खुल पाई
झटका दिया तोड़ डाला
है तेरी यह रुसवाई कैसी
सारी खुशियाँ ले गयी |
ना गिला ना कोइ शिकवा
फिर भी दूरी बढ़ गयी
जीवन की मधुरता को
जाने किसकी नज़र लगी |
आशा
यह कैसी दरार पड़ गयी
प्यार नाम की चिड़िया
कहीं कूच कर गयी |
पत्ता डाल से टूटा
सभी कुछ बेगाना लगा
जाने कब सांझ उतर आई
गुत्थी और उलझ गयी |
जितना भी सुलझाना चाहा
ऊन सी उलझती गयी
कंगन की गांठों की तरह
और अधिक कसती गयी |
एक हाथ से न खुल पाई
झटका दिया तोड़ डाला
है तेरी यह रुसवाई कैसी
सारी खुशियाँ ले गयी |
ना गिला ना कोइ शिकवा
फिर भी दूरी बढ़ गयी
जीवन की मधुरता को
जाने किसकी नज़र लगी |
आशा