हो क्यूं उदास इतने
छोड़ो सारी बातों को
जिनसे दुःख उपजे |
वहां जाना अवश्य
दुआ भी करना
पर आंसूं न बहाना
कष्ट उसे ना पहुंचाना |
सूक्ष्म रूप धारण किये
वह भी तुम्हे निहारता होगा
याद भी करता होगा
पर तुम्हें बता नहीं सकता |
जो यादें वह
पीछे छोड़ गया
पीछे छोड़ गया
उन्हें जीवित रख
सहज सफर उसका करना
वह लौट तो न पायेगा
स्मृतियों में उसे
जीवित रखना |
जीवित रखना |
उसकी हर बात
जो हंसाती थी
गुदगुदाती थी
गुदगुदाती थी
बहुत सहेज कर रखना |
तब ही वे लम्हे जी पाओगे
यादें जब ताजा होंगी
तब अकेले नहीं होगे
उसके बहुत करीब होगे
उदासी भूल जाओगे |