वही अवीर वही
गुलाल
हंसी खुशी और
खुमार
बस चेहरे बदल गए
हैं
होली के अर्थ बदल
गए हैं |
होली तो होली है
रंग में सभी लाल
पर कुछ फर्क हुआ
है
रिश्ते बदल गए
हैं |
हर वर्ष बड़े
उत्साह से
दहन होलिका का
करते
खेली जाती होली
ओ मेरे हमजोली |
गले मिलते फाग
गाते
चंग की थाप पर
ठुमके लगाते मीठा खाते
बैर भाव भूल जाते |
ना बड़ा ना छोटा
कोई
समभाव मन में
रहता
तन मन रंगता जाता
मन का कलुष फिर भी
दूर न हो पाता |
दूर न हो पाता |
आशा