एक बूँद मीठे जल की
बादल से आती सागर में
असहज अनुभव करती
खुद को स्थापित करने में |
बारम्बार धकेली जाती
वहीं ठहरे रहने की
उसी में समाए रहने की
नाकाम कोशिश करती |
है कितना कठिन
अपना अस्तित्व बचाए रखना
चोटिल हो कर भी
स्वयं हार न मानना |
विषम स्थितियों में
अपना हश्र स्वीकारना
हो जुझारू
अपना सत्व बनाए रखना |
है अद्भुद समानता
नारी में और उसमें
नारी भी है कर्तव्यरत
उसी के समान
अपना अस्तित्व बचाने में
समय के साथ एकाकार होने में |
आशा