एक शब्द अर्थ
अनेक
सब के विश्लेषण
सटीक
जब सोचा समझा उपयोग
किया
कितने ही पीछे
छूट गए |
शब्द कोष में
खोजा उनको
एक कल्पना की मैंने
नया साहित्य सृजन
करने की
उन्हें उचित
स्थान देने की |
बड़े साहित्यकारों
की तरह
कुछ का उपयोग
किया भी
पर खरा न उतर
पाया
उनको सम्मान देने
में |
वही शब्द भाषाएँ
अनेक
सब में अर्थ अलग
अलग
कुछ भी तो समान
नहीं
खोता गया शब्दों
के समुन्दर में |
पर जो चाहा वैसी
रचना
ना कल बनी न आज
बन पाई
मैं उलझा रहा नए
पुराने
शब्दो के जाल बांधने में |
अभी भी बेकली छाई
है
मन चाहता तराशना
शब्दों के समूह
को
नया रूप देने को
|
आशा