क्या होगा जब न होगा
यह नूर चहरे का
आव मोती की हो
या
नमक चेहरे का
जब तक रहेगा
अनमोल रहेगा
सोम्यता सहजता iकी झलक
अनमोल रहेगा
सोम्यता सहजता iकी झलक
है अनूठी रौनक
आव वेश कीमती
इसके
बिना क्या होगा ?
नूरानी मुख मंडल का
महत्व् है अपना
गर्व सदा होता उस पर
जब दर्प से चमकता
यह ही कमाया है उसने
इतना आसन नहीं
सहेजना उसको
जो जैसा दीखता है
वही हो तब समय भी
ठहरना चाहता है
उन्नत ललाट हो जाता है
जन्म देने वालों का
आव बिना सब फीका
आव बिना क्या होगा ?
आशा