27 अक्तूबर, 2019
26 अक्तूबर, 2019
दिवाली
पांच दिवस का पर्व दीपावली
हर वर्ष मनाई जाती दिवाली
दीप जला कर लक्ष्मी जी
विधिवत पूजी जातीं
धन धान्य से घर में खुशियाली आती
है आवश्यक वार्षिक साफ सफाई
घर के कौने कौने की
रोगों से बचने के लिए
मन के कलुष को धोने की
वर्षा के बाद होती आवश्यकता
स्वच्छता अभियान की
मिठाई पकवान बनाने की
भाई चारा निभाने की
यही मकसद होता इस पर्व का
गिले शिकवे भूल कर
तभी बड़े उत्साह से
मनाई जाती दीपावली |
आशा
25 अक्तूबर, 2019
है अमावस की रात
है अमावस की रात अंधेरी
दीपक तुम राह दिखाओ
भटके हुए राहगीर को
गंतव्य तक पहुँचाओ |
झिलमिल झिलमिल जगमगाओ
तम का ध्यान न मन में
लाओ
है अन्धकार तुम्हारे नीचे भी
उस से भी अवधान हटाओ |
एकाग्र चित्त हो कर
करो कर्तव्य पूर्ण अपना
स्नेह और बाती से मिलकर
अन्धकार दूर करो हवा के बेग से नहीं डरो |
अधिकार तुम्हारा है क्या
यह न सोचो
परहित के लिए जीवन
उत्सर्ग करो
अजनवियों को राह दिखाओ
उनका मार्ग प्रशस्त करो |
आशा
आशा
23 अक्तूबर, 2019
हो तुम मेरा सम्बल
हो तुम मेरा सम्बल
अकेली नहीं हूँ मैं
जो भी हैं मेरे साथ
सब हैं अलग अलग
पर मकसद सब का एक
एक साथ मिलकर
देते हर काम को अंजाम
कोई नहीं ऐसा
जो
उससे मुंह फेरे
उन सब का मनोबल
टूटा
नहीं है
आशा पर टिके हैं
है आत्मविश्वास का
साथ
तुम्हारे हाथों का
संबल भी तो है
सफलता पाने के लिए
सर पर हाथ तुम्हारा
पूरा
भी तो है |
आशा
आशा
20 अक्तूबर, 2019
कोई चाहत नहीं है
कोई चाहत नहीं है अब तो
चाहा नहीं कुछ किसी से
जी जी के मरने से है बेहतर
वे दोचार दिन खुशहाल जिन्दगी के |
उन लम्हों में खो जाने के लिए
है जिन्दगी बहुत छोटी सी
किस पल सिमट जाए नहीं जानती |
जी भर कर पल दो पल खुश होंने के लिए
सपनों से लिपट कर सोने के लिए
उन पलों में मन की बातें करने के लिए
छोटी छोटी बातों के निदान के लिए |
दो चार दिन हैं बहुत खुशहाल जिन्दगी के
पलक झपकते ही बीत जाएंगे
रह जाएगा यादों का जखीरा रात ढलते ढलते
हैं दो चार दिन खुशहाल जिन्दगी के |
आशा 15 अक्तूबर, 2019
किसने कहा तुमसे
किसने कहा तुमसे
कि दामन थाम लो मेरा
क्या है सम्बन्ध मेरा तुमसे
जग जाहिर किया जब से
नफरत सी हो गई है
नजरों के सामने से हटे जब से
तुम किसी काबिल नहीं हो
केवल हो दिखावे की मूरत
या हो एक छलावा
ऊपर कुछ और अन्दर कुछ
जग जाहिर हुई है
असलियत तुम्हारी जब से
नहीं है कोई उन्सियत तुमसे
तुम्हारा प्यार है एक दिखावा
परमात्मा दूर रखे तुमसे
जिल्लत सहन नहीं होती
कितनी बार कहूँ तुमसे |
आशा
आशा
14 अक्तूबर, 2019
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