मकरंद में भीग भीग जाते
रंग महक
उनकी ऐसी कि
स्वतः कीट पतंगे होते आकर्षित |
खिले अधखिले पुष्पों पर
बैठ गुनगुनाते गुंजन करते
कभी पास आते कभी दूरी बनाते
आसपास चक्कर लगाते |
पराग तक पहुँचना चाहते
पराग कणों तक अपनी पहुँच में
होते सफल जब कोशिश में
अपार प्रसन्न होते पुष्पों के आलिंगन में |
झूमते फूलों की बहार संग
आसपास ही नर्तन करते मंडराते
परागण में सहायक होते
क्रियाकलाप जब पूर्ण होता
फलों की उत्पत्ति होती|
फल के बीजों से नए पोधे जन्म लेते
कीट पतंगे पराग कण और
मंद गति से बहती बयार
अहम् भूमिका निभाते पौधों की उत्पत्ति में |
आशा