25 फ़रवरी, 2023

हाइकू




 

१ -नहीं  किसी ने

कविता को समझा 

 हुई बेकल

२- साझा रहना

किसी से ना बांटना

मन दुखता

३- मंजिल कहाँ

खोज ना पाई मैं ही 

उलझी रही

४-यादें हैं तेरी

हैंअनोखा प्रमाण 

एक प्यार की

५- मन ना मेरा

ना हुआ तेरा कभी

स्वतंत्र रहा

६- छल नहीं है

किसी के ह्रदय में

यही है सच |

आशा सक्सेना 


23 फ़रवरी, 2023

क्षणिकाएं






                                                                   किसी ने जन्म दिया 

यशोदा मां ने पाला 

नन्द का लाल कहलाया

मेरा कान्हां बृज को भाया |


तुमकहाँ से आए सब के मन को भाए 

बालक वय बिताईयहाँ और चले बृज से दूर 

अपने मामा कंस से भेट के लिए 

प्रजा के कष्ट दूर करने के लिए |


आज का युग बहुत कष्टकर है

आम जनता के लिए

घोर अनाचार फैला है मथुरा  राज्य में    

मामा कंस का कोई ध्यान नहीं आराम से जीने के सिवाय 

प्रजा की कौन सुने सहारा दे  |


यहाँ सुनी जाती है शक्ति शालियों की 

सामान्य  जन कष्ट सहन कर रहे मथुरा में 

कोई सुनने को तैयार नहीं अपनी व्यथा किससे कहें   

तभी कृष्ण को बुलाया हैकष्ट निवारण के लिए  

                    वह आए अपने राज्य को सम्हाला शांति स्थापित हो |     

आशा सक्सेना 

22 फ़रवरी, 2023

जप लो राम राम राम

 







जप लो राम राम   हटीले श्याम  श्याम  
किसी से  शिक्षा कीक्या आवश्यकता
 जीवन के अंतिम पड़ाव पर 
यह आती जीवन के अनुभवों के साथ से |
यहीं धरा पर सब सीख लिया जाता 
अपने बुजुर्गों से एक पीढी से दूसरी को शिक्षा देती 
है बड़ों का काम अनुभवों की  शिक्षा देना
अलग  से शिक्षा का क्या लाभ 
इनको ही उताराजाता अपने जीवन में |
यदि इनको उतारा जीवन में  हो जाता जीवन में 
किसी से होड़ करने का क्या लाभ है 
यदि अपना ज्ञान कम होता उसे ही पूरा करने में 
कष्ट तो होता पर अन्तमें सफल जीवन पाया होता 
मैंने बहुत कुछ सीखा है अपने बढ़ते जीवन से 
अब सोचती हूँ किसी की नक़ल से क्या लाभ 
खुद की कोशिश  है पर्याप्त पूरी  सफल होने के लिए 
यदि ईश्वर हो साथ किसी की क्या जरूरत ||
आशा सक्सेना 

21 फ़रवरी, 2023

समुन्दर का जल


         अथाह जल देखा समुद्र का 

वह होता नीला आसमान सा 

जल की कमीं कभी न होती

पर वहां जल मीठा नहीं होता |

प्यासा पथिक आता जब पास उसके 

उसे जल बिना पिए ही लौटना पड़ता 

 लवण निकाले जाते उसके पानी से 

 जलचरों का जीवन पालन होता  वहां|

  समुद्र में जल पोतों से व्यापार होता

एक देश से दूसरे को  

जल के बादल हैं वाहक पानी के 

जब तापमान अधिक होता वाष्प बनती |

मौसम बदलते ही आसमान में बादल छा जाते 

आपस में जब  टकराते 

बादलों का गर्जन  तर्जन  होता जल बरसता |

आशा सक्सेना 



 


20 फ़रवरी, 2023

कैसे मिल पाए




मन ना हुआ झांकना बंद करने का
हुई बड़ी प्यारा बाते इशारों में
चिलमन के पीछे से झांकना उसका
मनना हुआ उठने का वहां से |
वह क्या चाहती थी कह ना सकी
मन ने हाथों के इशारे से पर
थी बेकरार आपस में बातें करने को
उसके इशारे बता रहे थे वह कहाँ मिले |
कौन सा रंग पहन कर आएगी
कहाँ और कब आएगी
समय का ध्यान यदि ना रखा
बहुत कठिन होगा घर से बाहर निकलना
गली के कौने पर आकर मिलना
यदि किसी ने देख लिया
बहुत शामत आ जाएगी तुम ना समझ पाओगे |
ना चाहो छत पर पर आकर मिलना
वहां तो अधिक कठिनाई नहीं होगी
तुम बेआवाज आना चुपके से

आशा सक्सेना

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19 फ़रवरी, 2023

सपनों में मुख्य किरदार


 

रोज रोज सपनों का आना

उसका  मुख्य पात्र बन जाना

हीरो बन हर कार्य में  आगे रहना 

सबसे आगे रहने का साहस  जुटा आगे आए |

यही चाहत है उसकी जो पूरी हो पाए अगर  

कभी व्योम में राजा के रोल  मैं सफलता

है यही बड़ा  अरमां उसका जो पूरा हुआ 

वह जब सफल  होगा अपने किरदार में |

वह जब सपने  में अग्र पंक्ति में होता

उसका रास्ता खुल जाता आज वर्तमान में  

बड़ी खुशी होती जब सफल होता वह आज  

जब मुख्य भूमिका में ना  पाता खुद को 

उसके मन को बहुत झटका लगता |

स्वप्न टूट जाएगा उसके विश्वास में भी कमीं आएगी

धैर्य का संयम टूट जाएगा |

इससे बचने के लिए अधिक माया मोह को ना पाला उसने 

जीवन सहज जीने का मन बना लिया 

तभी कभी तो भाग्य चेतेगा सफलता कदम चूमेंगी

तुम्हारा जीवन आनन्द की गोद में होगा |


आशा सक्सेना 

 

18 फ़रवरी, 2023

एक कहानी महादेव भगवान की




एक शिकारी था वह रोजजंगल में शिकार करने जाता |आज उसे कोई शिकार नहीं मिला वह बहुत उदास हो गया 

बहुत थक गया था इस लिए आराम के लिए एक पेड़ पर चढ़ गया |पर उदासी ने इतना घेरा कि उसके आंसूं बहने लगे और वे नीचे बनी महादेव जी के ऊपर टपकने लगे |अचानक उसने  पत्ती तोड़ होगी शुरू की और नीचे पिंड पर गिरने लगीं |

महादेव जी तो भोले भंडारी हैं |उनको लगा कि वह हरे बेल पत्र चढा रहा है और जलचढा रहा है|शिव जी बहुत जल्दी से प्रगट हुए और बिना किसी से मांगे उसको वर दिया कि जो चाहेगा उसकी  मनोकामना पूरी होगी |

शिकारी खुशी ख़ुशी अपने घर चल दिया और रोज सुबहभगवान् शिव जी का पूजन करने लगा |और बेलपत्र चढाने लगा |उसका जीवन बहुत शान्ति से बीत गया | इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि प्रति दिन ईश्वर की पूजन करना चाहिए |

आशा सक्सेना