कहीं राह ना भटक जाना
यदि भूले से राह भटके खोज ना पाओगे
राह है कठिन कंटकों से भरी
कच्ची सड़क ऊबड़ खाबड़ है
चौपायों को चराते यहाँ वहां
यदि उन में फंसे कष्ट पाओगे|
मुझे तो अभ्यास हो गया है
गाँव में रहने का सब से मिल जुल कर
कुए से पानी भर कर लाने का
हाथों से सब कार्य करने का |
अब आदत हो गई है यहाँ रहने की
मन में बस गया है गाँव में रहना
यहाँ के सारे काम काज में रुची रखना
सब से मिलना जुलना |
खुद को अलग नहीं समझना
यही जीवन है यहाँ का
ना कभी हम बदले ना भेद भाव किया
यहाँ के लोगों से देशी भाषा सीखी |
सीखे रीति रिवाज यहाँ के लोगों से
लोग यहाँ के कहते हमें अपना
यही तो यश पाया है हमने यहाँ
किसी ने हमें अपना तो कहा |
आशा सक्सेना