15 मार्च, 2023
सौंदर्य एक बाग़ का
12 मार्च, 2023
नैनॉमें भरा समुन्दर पानी का
रंग रंगीली होली
रंग रंगीली होली आई रे
किया सारे साल इंतज़ार होली का
काफी दिन पहले से
घर की सफाई की
मिठाई बनाई |
खेला रंग मित्रों के संग
श्याम पड़े होली जुलाई
हिल मिल मिठाई खाई
आपस का भेदभाव भूले
गले मिले बैर भूले
मन में कोई कटुता नही रही
यही है विशेषता इस त्यौहार की
वर्ष में एक बार ही ऐसा त्यौहार आता है
जब जाति धर्म का भेद नहीं होता
सिर्फ बड़े छोटे का ही अंतर होता है
छोटे सब बड़ों के पैर छूते
बड़े आशीष देते और बहुत खुश होते |
आशा सक्सेना
11 मार्च, 2023
आज के परिपेक्ष में
जब जाना आज का परिपेक्ष
सम्हल सम्हल कर कदम रखे
किसी से हो कर सतर्क
सावधानी नहीं भूलोगे
किसी को अपना समझ कर
हर बात सांझा की हर बात बताई सहज मे
जब राज उजागर हुए मन में खटास आई |
किसी को कह ना सका उसे अपना
हुए सब गैर कोई अपना ना हुआ
गैर समझा उसको
अपने भी
हुए गैर |
चन्द बातो पर उसका रुखदेख
देख मन उलझा मेरा
एक बात समझ में आई देखो
अपना ना समझों पहले देखो उसे बरतो|
यदि परख लिया हो ठीक से
आगे पैर बढ़ाओ
यदि गलत राह नहीं खोजोगे
बड़ों की बात मानोंगे
पैर गलत नहीं पड़ेगे
तुम अकेले नहीं रहोगे
सब का साथ लेकर जब चलोगे |
आशा सक्सेना
10 मार्च, 2023
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस
महिलाओं ने प्रगति की अपार
कोई क्षेत्र ना छोड़ा
अपने पैर जमाने को
हुई सफल हर क्षेत्र में |
यही योग्यता पहले
ना जानी किसी ने
घर बाहर हर क्षेत्र में
सबने सराहा उन्हें |
पहले ना समझी
उनकी योग्यता
को जब परखा
जितनी भी तारीफ की जाए
शब्द भी कम पड़ते
उनकी प्रशंसा के लिए|
सारे संसार में सभी जगह
कहाँ नहीं दीखता उनका वजूद
यही तो योग्यता है उनकी
उन्हें सराहा जाता|
तभी अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस
मनाया जाता धूमधाम से
हर वर्ष मनाया जाता
अंदर बाहर दौनों क्षेत्रों में
कभी पुरूस्कार भी दिए जाते
शानदार कार्यों के लिए|
आशा सक्सेना
09 मार्च, 2023
मन ने समझाया
आज जब गीत गाए
महफिल में सपने सजाए
मन ने आत्म सात किये
यह कैसी रीत अपनाई |
गैरों को अपनाया मन से
अपनों से दूरी बढ़ाई
आखिर क्या सोचा मन में
कविता किसने दी सलाह कैसी
मेरी समझ ना आई
कविता में सब को अपनाया
\मेरे से कोसों दूर रहे
कभी मन से कारण सोचा होता
यदि समझ लिया होता मुझको
दूरी नजदीकियों में बदल जाती
पूरी जब ये होतीं
मन को ख़ुशी मिलती
और नजदीकिया रंग लातीं
प्यार में बदल जातीं|
आशा सक्सेना
08 मार्च, 2023
होली आईरे
१-हम खेलते
अवीर गुलाल से
साजन संग
रंग खेलते
राधा बरसाने से
कान्हां के संग |
३-भगत खेले
राधारानी के संग
फूलों के संग
४-चंचल राधा
कान्हां से अधिक ही
रुकमणी से
सबने खेली
अबीर गुलाल से
|आज होली है