05 मई, 2023

हाइकू

 


१-कैसा जीवन

सफल असफल

निर्णय किया

२- धर्म अधर्म

उलझन में पड़ी

किसे चुनलूं

३-भक्ति धर्म की

या अंधविश्वास है

किसको चुनू

४- आरती करूं

भोग प्रसाद बनाऊँ

प्रभु मनाऊँ  

५-मजदूर हूँ

महनत से ही है

लगाव मुझे

६-जीवनसंध्या

अपने नंबर की  

राह देखती

आशा सक्सेना 

04 मई, 2023

अपनी सफलता पर

 

स्याह काली चूनर पहने

संध्या आई दिल जीतने

हमने भी सौहार्द्र का रुख दिखाया

बड़े प्यार से कालीन बिछाया |

चौमुख दियना महफिल में जलाया

कमरा हुआ जगमग आनेवाले लोगों के लिए

सब थे उत्सुक अपने अपने कलाम

सुनाने के लिए जज्बातों पर टिप्पणी लेने केलिए यह तो एक छोटा सा प्रयास था हिन्दी लिखित साहित्य में योगदान के लिए |

अपनी सफलता पर मन हुआ प्रसन्ना

देख कर अपना आयोजन

संतुष्टि आई अपनी सफलता पर

यही अपेक्षा थी सबको मुझसे  

जिसमें मैं सफल हुई

सब ने आशीष दिया मुझे और हिम्मत बधाई |

30 अप्रैल, 2023

हम तुम्हारे तुम उसके

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


                                                तुम हमारे नहीं हो पाए कभी 

प्रार्थना हमने भी की दिल से 

पर वही प्यार तुम्हे क्यूँ उससे 

मन सोच रहा कारण खोज ना पाया |

उस में  ऎसी क्या विशेषता देखी 

दो चार दिन  योग किया फिर मन उचटा

मन में अवधान ना रहा यह क्या हुआ |

माया मोह में गले गले तक डूबी

बह चली भव सागर में मझधार में डूबी

तब याद तुहारी आई पार लगाओ मेरी नैया

जब कठिनाई सर पर हो तभी याद यदि किया |

सुख में ना याद किया प्रभु को

  दुख में पूजन अर्चन को याद किया 

तब क्यूँ प्रभू को दोष देते हो

अपनी गलती का अहसास करो  |

आशा सक्सेना

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

29 अप्रैल, 2023

हाईकू

 

हाईकू

१-तुम्हारा  ख्याल

मेरे बारे मैं कैसा

बता सकोगे

२-कविता कैसी

किसने सुनाई है

बहुत सुन्दर

३-न्याय मेरा है 

तुम जानों ना जानो

जानता हूँ मैं

४-हमारा प्यार

है कुछ अलग सा

जानते दोनो

५-मेरा तेरा क्यों

क्या दौनों का नहीं है

 अलग नहीं 

6-. सुबह शाम 

मिलते होते  एक  

आसमान में 


28 अप्रैल, 2023

मेरी नई पुस्तक "उड़ान मन की "


 मेरी नई पुस्तक "उड़ान मन की "

सतरहवा काव्य संकलन "का प्रकाशन हो चुका है 

उसका कवर पेज आपके  समक्ष प्रस्तुत है  

सहा सक्सेना 

एक सैनिक की घर बापसी






अवकाश होते ही राह तुम्हारी देखी 

दिन काटे ना कटता

रातें गुजरीं करवटें बदल  

आशा निराशा में झूलती रही |

मन में शक पैदा हुआ 

कहीं छुट्टिया तो नहीं हुई केंसिल तुम्हारी 

कोई कार्य विशेष तो  आया होगा 

तभी तुम ना आ पाए अभी तक |

मैंने मन को समझाया 

 मुझे आत्मविश्वास पर भरोसा था 

पर विश्वास से भी

समझोता कब तक करती  |

दरवाजे की आहट हुई 

कदम बढे  उसे खोलने 

जैसे ही तुम को देखा

मैं प्रसन्नता से हुई सराबोर  |

खुशी इतनी बढी

कि अश्रुओं का सैलाब 

बहने लगा द्रुत गति से 

रही  बेचैन  अब न जाना ||

आशा सक्सेना 


26 अप्रैल, 2023

सफलता होगी कदमों पर

 


                                              जीवन है ऐसा , जैसे
                                                   पत्थर से बाँधी गई डोर
                                                        जितनी डोर ढीली बंधेगी

उतनी जगह  घेरेगी जमीन पर 

  दायरा  समझ का बढ़ेगा |

किसी ने यदि उससे खेला  

नाकामयाबी जीवन में हाथ लगेगी

जिस कार्य में हाथ डालोगे

वह फिसल ही जाएगा हाथों से |

जीवन अंधेरी गलियों में भटकेगा

किसी की सलाह ना  चाहेगा तब भी

कभी तो ऐसा लगता है

मेरे जीवन से नियंत्रण हटा है |

कोई नहीं अपना दीखता

तब भी उसी की खोज में

मै खुद भी भटकी 

अपने पर दया तक नहीं आई |

चाहती यदि कुछ सीखना

 लेना चाहती विनम्रता का साथ 

उससे मुंह मोड़ना नहीं चाहती

तभी सफलता मेरे पास आती

धैर्य रखने की  आदत सिखाती |

नम्र हुई जब  आदत मेरी 

 यह मेरी समझ आया 

मुझे संतोष हो जाता 

,यही मुझे प्राप्त होता  |

धैर्य ,विनम्रता ,और संतोष 

हैं सफल  महिलाओं के  गहने 

सोच समझ कर कार्य करना

 है उनमें से एक |

आवश्यकता पड़ने पर सलाह 

बुजुर्गों की लेना 

  उन से ही सफलता मिलेगी 

जीवन सफल होगा संतोष मिलेगा  |

आशा सक्सेना