क्या किया जाए यदि दिल में
प्यार की कोई कद्र ना हो
जिससे भी प्यार किया
उसकेे मन में हमारी
कोई कीमत ना हो |
सभी धान बाईस पसेरी हो
कोई अंतर नहीं हो |
तब क्या लाभ ऐसे सौदे में
जिस दृष्टि से भी देखो
मसला हल नहीं हो पाता
किसी से कोई उम्मीद नहीं
पर प्यार का कोई
समय निर्धारित नहीं होता
बंधन राखी का होता ऐसा
किसी से पाने के लिए
इसे माँँगना नहीं पड़ता |
जिस रूप का हो वैसा ही स्वीकार कर
उसे बड़ा महत्व दिया जाए
यही है आवश्यक हमारे लिए |
ईश्वर ने जन्म से ही
भाई बहिन का साथ बनाया है
जन्म जन्मान्तर तक इसे निभाना है
रक्षाबंधन का त्योहार है
बहुत प्यार से इसे मनाने में
जो खुशी मिलती है
किसी और त्योहार में नहीं |
आशा सक्सेना