16 अगस्त, 2020

दूसरी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि




रहे सदा अटल अपने नाम की तरह
जो भी मन में ठाना  पूर्ण किया शिद्दत से
 हर सही  बात पर अडिग रहे नहीं डिगे उससे
जो भी देश हित के लिए सोचा किया
जुटे रहे पूर्ण मनोबल से |
सफलता से मुख न मोड़ा
असफलता से भय न माना
आए राजनीति में जब
 समाज के हित को दी प्राथमिकता |
जब राजनीति में कदम रखा
सदा बैठे पक्ष में या विपक्ष में
ना केवल दिखावे के लिए
सदा अटल रहे सत्य पर |
विश्वास नहीं डगमगाया
 कभी हार नहीं स्वीकारी
 सदा दृढ़ संकल्प रहे
 आत्मबल से  सराबोर रहे|
हुए युग प्रवर्तक अनुयाइयों के लिए
दिया दृढ़ नेतृत्व विपक्ष को
बार बार दल परिवर्तन न किया
जैसा नाम वैसा ही काम
यही रही विशेषता विशेष आपमें
सादर नमन अटल आपको |
आशा

15 अगस्त, 2020

कर्तव्य हमारा


Public


स्वतंत्रता हांसिल हुई बड़ी कुर्वानियों से
जिसे अक्षून्य रखना है कर्तव्य हमारा
इससे मुंह मोड़ना कहलाता है देश द्रोह
इससे बचे रहना है सौभाग्य हमारा |
तीनों रंग तिरंगे के बीच में चौबीस शलाखाएं
है अद्भुद रंग राष्ट्र ध्वज का
जब फहराया जाता लहराता व्योम में
होता है गर्व का अनुभव हमें |
सर फक्र से झुकता है बार बार
मन नमन करता है राष्ट्र ध्वज को
उसकी गरिमा को शतशत नमन
हर बार  कर्तव्य का एहसास दिलाता है | 
आशा

दिन चिंता का







 लंबित कई दिन का कष्ट
अब रोज का आराम
चिंता मुक्त हो गए हो
 हुआ चंचल  मन शांत |
बेचैनी कहाँ खो गई
जान नहीं पाई
प्रभू से की थी  प्रार्थना
ऐसे दिन किसी को न दिखाए |
हुए हो  रोग मुक्त
परहेज ही करना है
समय पर सब कार्य हो
बस यही ध्यान रखना है |
                                ईश्वर की अनुकम्पा से
ठीक समय पर चेते
यह समस्या भी  हल हो गई है
प्रभु की असीम कृपा रही है |
अपने कुंद मन को शांत रखूँ  
कठिन दौर से गुज़री हूँ
वह भी बीत जाएगा  
अब सोच पा रही हूँ |
जीवन की सच्चाई से
पहली बार सामना हुआ है
अब सत्य से मुखातिब हूँ
प्रभु ने रक्षा की  है |
आशा

13 अगस्त, 2020

आत्मनिर्भरता


है वह  बहुत खुशनसीब कि
 तुमने साथ उसका हर कदम पर दिया है
उसे  आत्म निर्भर बनाने का
 तुमने बीड़ा उठा उसे  संबल दिया है |
हर कार्य जो कठिन लगता था कभी  
सरलतम हल निकाल दिया जाता 
सफलता को छूने का मार्ग दिखा  
उसका  मनोबल बढ़ाया  जाता था  |
 जब कदम उसने कठोर धरा पर रखे   
  है आत्म निर्भरता का  महत्व क्या?
  अब हुआ एहसास हुई जब वह  आत्मनिर्भर 
 सफल जीवन जीने के राज का हल  निकला है |
हो जब आत्मनिर्भर कोई भी समस्या आए
घबराहट से कोसों दूर रह जीने की ललक जागे
आत्मबल जाग्रत हो गर्व से सर उन्नत हो
कठिनाई छूने का नाम न ले  
 कोसों दूर  भागे |
आशा
  

11 अगस्त, 2020

बादल





इधर उधर से आए बादल
आसमान में छाए बादल
आसमां हुआ स्याह
घन घोर घटाएं छाई  है | 
जब बदरा हुए इकट्ठे
 गरजे तरजे टकराए आपस में 
टकराने से हुआ  शोर जबरदस्त 
विद्द्युत कौंधी  रौशनी फैली गगन में |
मोर ने पंख फैलाए किया नृत्य     
मोरनी को रिझाने को
दादुर मोर पपीहा बोले
कोयल ने तान सुनाई है
वर्षा की  ऋतु आई है |
जैसे ही जमाबड़ा हुआ बादलों का 
मोटी बड़ी बूँदें टपकीं 
धरती तर बतर हुई
सध्यस्नाना युवती सी खिल गई |
आसमान से टपकी जल की बूँदें
 वृक्षों से टपकी पत्तों में अटकीं
फिर झरझर झरी  ऐसी जैसे 
 धरा की काकुल से उलझ कर आई हैं |
आशा