नव वर्ष आनेवाला है
नई कल्पना की उड़ान भरो
क्या करोगे कैसे करोगे
नए साल का जश्न कैसे मनाओगे |
यही सोचो मन की गहराई में
उसकी नवीन रूपरेखा तैयार करो
पूरे जोश से तैयारी में जुट जाओ
नई पतंग की डोर आगे बढाओ |
नए कार्य को करने के लिए
कुछ तो अभिनव विचार अपनाओ
जब कल सुबह होगी सूर्योदय होगा
नवल रश्मियों से सारा जग स्नान करेगा
कायनात पर एक अनोखा निखार होगा
नव किश्लयों को अनोखा एहसास होगा |
प्रसन्न मन उत्फुल्ल होगा
नए स्वप्न जागेंगे खुले नयनों में
बीता कल तो बीत गया
अब आनेवाले कल की सोचो |
उत्साह से कोई भी कार्य करो
उसमें ही जी जान लगाओ
उमंग में कोई कमी न हो
पूरी लगन का परिचय दो |
आशा