छोटी सी है जिन्दगी
जी भर कर जी ले
जो कुछ सही गलत किया
आकलन उसका कर ले
है जीवन एक बुलबुला
किसी क्षण क्षय हो जाएगा
यही सही समय है
सारा हिसाब किताब करले
जितने वायदे किये
यदि पूरे न कर पाए
अतिरिक्त बोझ मन पर होगा
यदि बोझ रह गया
यहाँ वहां मन भटकेगा
होगा कठिन सहन करना
उससे मुक्त न हो पाएगा
ईश्वर से जब भेट होगी
जबाब उसे भी देना होगा
बंधन काट न पाया तो
क्या मुंह उसे दिखाएगा
इसी लिए बच मद मत्सर से
सारे बंधन छोड़ यहीं पर
खुद को मुक्त कर ले
जीवन तो क्षण भंगुर है
सब यहीं छूट जाएगा |
आशा