एक दिन आत्म मंथन किया
देखीं अपनी कमजोरियां
मन में कहाँ कहाँ थीं
उनसे बच निकलने की
तरकीबों पर विचार किया
फिर मन को आगाह किया
कहाँ था वह गलत |
कितनी तल्खियां रहीं
मन में जिनसे
निकल नहीं पाया
और बढ़ावा दिया उनको |
आशा