तुम गुमसुम से क्यूँ बैठे हो
कुछ अधिक उदास ही रहते हो
कोई तो ऐसी बात करो
जो तुमको भी रास आ जाये
मेरा मन भी बहला जाये
कुछ तुम सोचो कुछ मैं सोचूँ
दोनों का सोच यदिहो एक् सा
दुनिया रंगीन नजर आये
दुःख से दुनिया भरी हुई है
पर सुख की भी कोई कमी नहीं
दुःख से तुम किनारा कर लो
सुख से ही बस नाता जोड़ो
सारे कष्ट भुला कर अपने
खुशियों से रिश्ता जोड़ो
कुछ तुम बढ़ो कुछ मै बढूँ
दुनिया के सब बंधन तोडूँ
मेरा हाथ जब थामोगे
मुझे अपने साथ पाओगे
देखो दुनिया कितनी रंगीन
खुशियों से दामन भर लाओ
आने वाले कल को अपनाओ
खुशियों से भरा कल होगा
उदासी का नामोनिशां नहीं होगा |
आशा