होता रहता परिवर्तन
कभी खुशी सुख देती
कभी अहसास होता
दर्दे दुःख का |
क्या है यह सब
मन बावरा जान नहीं पाता
आती खुशी पल भर को
फिर से गहन उदासी छाती
होता नहीं नियंत्रण मन पर
ना ही कोइ बंधन उस पर
होता हर बार कुछ नया
जो स्वीकार्य तक नहीं होता
मन जिधर झुकता
वह भी झुकता जाता |
जैसा वह चाहे होता है वही |
दे दोष किसे
इस अस्थिरता के लिए
अजीब प्रकृति है
विचलन नहीं थमता |
जाने क्यूँ मन चंचल
ठहराव नहीं चाहता
है वह झूले सा
कभी ऊंचाई छूता
कभी नीचे आता |
भूले भटके जब भी
तटस्थ भाव जाग्रत होता
तभी लगता
सुख दुःख तो आते रहते
अनेक रंग जीवन के
हैं अभिन्न अंग उसके |
आशा
कभी खुशी सुख देती
कभी अहसास होता
दर्दे दुःख का |
क्या है यह सब
मन बावरा जान नहीं पाता
आती खुशी पल भर को
फिर से गहन उदासी छाती
होता नहीं नियंत्रण मन पर
ना ही कोइ बंधन उस पर
होता हर बार कुछ नया
जो स्वीकार्य तक नहीं होता
मन जिधर झुकता
वह भी झुकता जाता |
जैसा वह चाहे होता है वही |
दे दोष किसे
इस अस्थिरता के लिए
अजीब प्रकृति है
विचलन नहीं थमता |
जाने क्यूँ मन चंचल
ठहराव नहीं चाहता
है वह झूले सा
कभी ऊंचाई छूता
कभी नीचे आता |
भूले भटके जब भी
तटस्थ भाव जाग्रत होता
तभी लगता
सुख दुःख तो आते रहते
अनेक रंग जीवन के
हैं अभिन्न अंग उसके |
आशा