तुम ना आए इस उपवन में
आते तभी जान पाते
कितने जतन किये
स्वागत की तैयारी में |
अमराई में कुंजन में
जमुना जल के स्पंदन में
कहाँ नहीं खोजा तुमको
इस छोटे से जीवन में |
खोजा गलियों में
कदम के पेड़ तले
तुम दूर नज़र आए
मगन मुरली की धुन में |
पलक पावडे बिछाए थे
उस पल के इन्तजार में
वह होता अनमोल
अगर तुम आ जाते |
आते यदि अच्छा होता
सारा स्नेह वार देती
प्यारी सी छबी तुम्हारी
मन में उतार लेती |
बांधती ऐसे बंधन में
चाहे जितनी मिन्नत करते
कभी न जाने देती
अपनी मन बगिया से |
आशा
आते तभी जान पाते
कितने जतन किये
स्वागत की तैयारी में |
अमराई में कुंजन में
जमुना जल के स्पंदन में
कहाँ नहीं खोजा तुमको
इस छोटे से जीवन में |
खोजा गलियों में
कदम के पेड़ तले
तुम दूर नज़र आए
मगन मुरली की धुन में |
पलक पावडे बिछाए थे
उस पल के इन्तजार में
वह होता अनमोल
अगर तुम आ जाते |
आते यदि अच्छा होता
सारा स्नेह वार देती
प्यारी सी छबी तुम्हारी
मन में उतार लेती |
बांधती ऐसे बंधन में
चाहे जितनी मिन्नत करते
कभी न जाने देती
अपनी मन बगिया से |
आशा