इस दुनिया में क्या
रखा है
जीने के लिए
रमे रहने के लिए
अपनी दुनिया ही काफी है
बड़ी हस्ती ना भी हुए
तो क्या
सर छिपाने के लिए
छोटी सी छत ही काफी
है
जो सुकून मिलता है यहाँ
शायद ही कहीं मिल
पाए
बहुत अनुभव नहीं तो
क्या
विश्वास की नीव ही
काफी है
सीखा है बहुत कुछ
दुनिया की दुधारी तलवार से
हुए दूर दुनिया से
सिमटे अपनी दुनिया
में
उसे अपने में समेटने
की
लगन ही काफी है
यहाँ जो खुशी मिलाती
है
बांटने से भी कम
नहीं होती
प्यार की तकरार की
छुअन अभी बाकी है
जिंदगी के कई रंग घुले यहाँ
डूबे तभी जान पाए
गहरा है रंग यहाँ का
छूटना बहुत मुश्किल
यहाँ अहसास अपनेपन का
है इतना गहरा
आगे कुछ नहीं दीखता
बस यही काफी है
इस दुनिया में जीने
के लिए
अभी बहुत कुछ बाकी
है |
आशा