इन्द्रधनुषी छटा बिखरी
प्रकृति के हर कौने
में
विविध रंगों में
रंगी
प्रकृति नटी
स्वप्नों में
सतरंगी चूनर पहन
विचरण करती मधुवन
में
एक अनोखे रंग में
शुभ्र चन्द्र की धवल
चांदनी
बिखरी जल थल और नभ
में
धवल हुआ अम्बर
लिपटी अवनी श्वेत
आवरण में
ढकी बर्फ से पर्वत
माला
श्वेत दिखी जल की
धारा
मुखरित शान्ति का
भाव हुआ
एक अद्भुद अनुभव हुआ
देते सन्देश शान्ति
का
सदभाव के प्रतीक वे
सन्देश वाहक अमन चैन
के
छोड़ कर संकीर्णता
दृष्टि विहंगम जब
डाली
तभी दुनिया देखी
रंगों की
है हरा रंग हरियाली
का
दुनिया में खुशहाली
का
लाल रंग प्रेम का ऐसा
लग जाए तो छूटे ना
केशरिया रंग शौर्य का
समर क्षेत्र की
आवश्यकता
काले रंग से भय लगता
अन्धकार में कुछ न
दीखता
श्वेत रंग अमन चैन
का
इसमें समाहित सभी
रंग
सभी को आत्मसात करता
है नायाब तरीका भाईचारे का
आपस में हिलमिल रहने
का |
आशा