कर भरोसा अपने पर
रहता है क्यूं बुझा बुझा
रहता है क्यूं बुझा बुझा
क्यूं आज की चिंता करता है
आज का दौर है कठिन पर
कल सुधरेगा दिल कहता है |
तेरी उदासी दुखित करती
मन उद्वेलित करती
महंगाई की जटिल समस्या
मुंह बाए खड़ी दीखती
छाई रहती दिल दिमाग पर
तपती धुप सी लगती |
तपती धुप सी लगती |
तू अधीर नहीं होना
आपा अपना ना खोना
वर्त्तमान तो बीत जाएगा
कल सुधरेगा दिल कहता है |
कठिन परिश्रम की कुंजी हो तो
जटिल समस्या हल होगी
पुरसुकून जिन्दगी होगी
पुरसुकून जिन्दगी होगी
समय बदलेगा दिल कहता है |
तू वर्त्तमान में जीता है
तभी दुखित होता है
जब आशा का दामन थामेगा
बदलाव समय में होगा
तू सबसे आगे होगा
तू सबसे आगे होगा
कल बदलेगा दिल कहता है |
आशा