है वह गुनाहगार तेरी क्यूं कि
तू भी कुछ कर सकता है
यह जज्बा तुझमें
पैदा होने न दिया |
है तू भी सक्षम
हर उस कार्य के लिए
हर उस कार्य के लिए
जो वह हाथों में कर के देती रही
आगे पीछे घूमती रही
बिना बैसाखी चलना
तू भूल गया |
तू भूल गया |
आज भी तू कोई कदम
उठा नहीं सकता
उठा नहीं सकता
बिना उसके सहारे के |
प्यार और दुलार ने
तुझे अकर्मण्य बना दिया
ना कभी कुछ कर पाया
ना चाहत जागी कर्मठ बनने की
स्वयं कुछ करने की |
पहले माँ के
पल्लू से बंधा रहा
अब हो कर रह गया है
परजीवी अपनी होनहार पत्नी का |
आशा