आया वसंत आई बहार
वृक्षों ने किया नवश्रृंगार हरे भरे पत्तों से
वे खेले वासंती पवन के झोंकों से
हुई धरा सराबोर रंग वासंती में
खेतों में पीले सफेद पुष्प खिले
हरियाली छाई धरणी पर
वृक्षों ने ली है अंगडाई उन पर छाई तरुणाई|
बसंती रंग के परिधानों से सजे बालक वृन्द
गृहणी ने भी पहने पीत वसन
की मां सरस्वती के पूजन की तैयारी |
कहीं बच्चों का पट्टी पूजन हुआ
किये वादे विध्या की देवी के समक्ष
पढ़ने में कमी न करने के लिए |
कई युगल बंधे विवाह बंधन में
कच्चे धागे से बंधे सदा के लिए
जन्म जन्म का साथ निभाने को
वचन बद्ध हुए साथ जीने मरने के लिए |
यह दिन है ही ऐसा प्रसन्नता से भरा
शंकर से रति ने पति काम देव के लिए
पूजन अर्चन कर प्रार्थना की थी
तभी से नाम कामदेव का हुआ अनंग |