मेरी खुशियां
जब भी जन्म लेती
बहार आती
जब बहार आती
खुशी सी छाती
रहती वहीं खुशी
मस्ती रहती
खरीदी जातीं नहीं
बहती जाती
नदी की लहरों सी
देखे नखरे
बहती लहरों के
रंग खेलते
हरे भरे वृक्षों से
खिलते फूल
रंगबिरंगी डाल
दिखने लगी
सब एक साथ ही
जल की बूंदे
मन के सुकून को
देती विश्राम
होती है थिरकन
मेरे पैरों में
जब भी हवा चले
मन हो खुश
बालक सी आदतें
होती जीवन्त
देती अनूठी खुशी |
आशा