तुम शिक्षक हम शिष्य
तुम्हारे
तुम दाता हो भाग्य
विधाता
हम भर कर झोली लेने वाले
उससे जीवन सवारने
वाले |
जीवन है एक रंग मंच
है यही कर्म स्थली हमारी
इसी में है शिक्षा स्थली
जहां पढ़ लिख कर बड़े
हुए |
सृष्टि का कण कण है
ऐसा
कुछ न कुछ ग्रहण करते जिससे
शिक्षा सब की लेते उतार जीवन
में
अनुभवों में वृद्दि कर
लेते |
किसी से ली शिक्षा
अकारथ
नहीं जाती जीवन में
जन्म से ही शिक्षा
का
योगदान रहता अटूट |
प्रथम गुरू माता
होती
जिसके ऋण से मुक्त कभी
ना हो पाते
पिता उंगली पकड़ ले जाता साथ
जीवन मेंअग्रसर होना सिखाता कैसे उन्हें भुलाते |
मित्रों की सलाह
होती लाजबाब
वे राह में होते जब साथ
राह भटकने न देते
मार्ग प्रशस्त करते
रहते |
विधिवत शिक्षा की आवश्यकता रहती
तुम
बिन पूर्ण न होती
हम रहते अधूरे तुम्हारे योगदान बिना
हे शिक्षक तुम्हें
शत शत प्रणाम |
आशा