मैं हूँ तुम्हारे लिए
कोई और न हो दूसरा
हम दौनों के मध्य |
कोई बाधा बन उभरे
यह मुझे सहन नहीं
मन चाहे पर मेरा अपना ही
केवल अधिकार रहे |
जिस पर हक हो मेरा
उसे किसी से बाटूं
नहीं स्वीकार मुझे
कमजोरी कहो या तंगदिली |
अपने स्वभाव में
परिवर्तन कैसे लाऊँ
कभी जाना नहीं
किसी ने भी सुझाया नहीं |
यही कमीं रही मुझमें
जिसे आज तक
बोझे सा उठाए रहती हूँ
उस से बच नहीं पाई |
आशा